किसी भी तरह के तनाव से बिखरा मन इंसान की मनोदशा ही नहीं व्यवहार में भी बुरे बदलाव लाता है। खासतौर पर मति और स्मृति यानी बुद्धि या स्मरण शक्ति कमजोर होती है। इन दोनों के अभाव से ही आज प्रतियोगिता के दौर में मिली असफलता से किसी भी इंसान पर मानसिक तनाव हावी हो
जाते हैं।
ऐसी दशा से बाहर आने के लिए मानसिक संयम रख तनाव का कारण बनी समस्या,
असफलता या अधूरी इच्छाओं पर सकारात्मक विचार जरूरी है। वहीं इस समस्या के धार्मिक उपायों पर विचार करें तो शास्त्रों में चन्द्रदेव मन का स्वामी माना गया है।
यही वजह है कि ज्योतिष शास्त्रों में तनाव, बेचैनी, मानसिक रोगों का कारण चन्द्र दोष माना जाता है। चन्द्र की अनुकूल स्थिति में इंसान मानसिक ऊर्जा से भरपूर, शांत और निरोगी जीवन पाता है।
वैसे तो चन्द्र दोष दूर करने के लिए सोमवार, अमावस्या का दिन भी बहुत ही शुभ होता है। किंतु चन्द्र दोष से पीडि़त के लिए पूर्णिमा के दौरान चन्द्र उपासना बहुत ही जरूरी होती है। इस दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ प्रकाशित होता है। कल कार्तिक पूर्णिमा का शुभ दिन है।
धर्म हो य विज्ञान चन्द्र के मानव जीवन और प्रकृति पर चन्द्र के प्रभाव को स्वीकारते हैं। इसलिए अगर आप भी किसी मानसिक परेशानी या तनाव से गुजर रहें है या फिर कमजोर याददाश्त से परेशानी उठा रहें हैं तो मन को शांत और एकाग्र करने के लिए कल कातिक पूर्णिमा (28 नवंबर) की रात बताई जा रही चन्द्र पूजा की सरल विधि के साथ इस करिश्माई चन्द्र गायत्री मंत्र का उपाय करें -
- शाम के वक्त नवग्रह मंदिर या देवालय में चन्द्रदेव की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद चंद्र पूजा में खासतौर पर सफेद सामग्रियों को अर्पित करें। इनमें सफेद चंदन, सफेद सुंगधित फूल, अक्षत, सफेद वस्त्र, दूर्वा चढ़ाकर दही या दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद व रात में इस चन्द्र गायत्री मंत्र का स्मरण करें, इसी चंद्र मंत्र का जाप करें -
ऊँ क्षीरपुत्राय विद्महे,
अमृत तत्वाय धीमहि।
तन्नो चन्द्र प्रचोदयात्।।
- पूजा व मंत्र जप के बाद घी व कर्पूर से आरती कर मानसिक सुख की कामना कर प्रसाद ग्रहण करें। रात्रि में चंद्र मंत्र का यथाशक्ति जप मन को शांत, एकाग्र और स्थिर करने के साथ स्वास्थ्य और संतान सुख भी देने वाला माना गया है।
____________________@भारती य संस्कृति ही सर्वश्रेष्ठ है|
ऐसी दशा से बाहर आने के लिए मानसिक संयम रख तनाव का कारण बनी समस्या,
असफलता या अधूरी इच्छाओं पर सकारात्मक विचार जरूरी है। वहीं इस समस्या के धार्मिक उपायों पर विचार करें तो शास्त्रों में चन्द्रदेव मन का स्वामी माना गया है।
यही वजह है कि ज्योतिष शास्त्रों में तनाव, बेचैनी, मानसिक रोगों का कारण चन्द्र दोष माना जाता है। चन्द्र की अनुकूल स्थिति में इंसान मानसिक ऊर्जा से भरपूर, शांत और निरोगी जीवन पाता है।
वैसे तो चन्द्र दोष दूर करने के लिए सोमवार, अमावस्या का दिन भी बहुत ही शुभ होता है। किंतु चन्द्र दोष से पीडि़त के लिए पूर्णिमा के दौरान चन्द्र उपासना बहुत ही जरूरी होती है। इस दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ प्रकाशित होता है। कल कार्तिक पूर्णिमा का शुभ दिन है।
धर्म हो य विज्ञान चन्द्र के मानव जीवन और प्रकृति पर चन्द्र के प्रभाव को स्वीकारते हैं। इसलिए अगर आप भी किसी मानसिक परेशानी या तनाव से गुजर रहें है या फिर कमजोर याददाश्त से परेशानी उठा रहें हैं तो मन को शांत और एकाग्र करने के लिए कल कातिक पूर्णिमा (28 नवंबर) की रात बताई जा रही चन्द्र पूजा की सरल विधि के साथ इस करिश्माई चन्द्र गायत्री मंत्र का उपाय करें -
- शाम के वक्त नवग्रह मंदिर या देवालय में चन्द्रदेव की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद चंद्र पूजा में खासतौर पर सफेद सामग्रियों को अर्पित करें। इनमें सफेद चंदन, सफेद सुंगधित फूल, अक्षत, सफेद वस्त्र, दूर्वा चढ़ाकर दही या दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद व रात में इस चन्द्र गायत्री मंत्र का स्मरण करें, इसी चंद्र मंत्र का जाप करें -
ऊँ क्षीरपुत्राय विद्महे,
अमृत तत्वाय धीमहि।
तन्नो चन्द्र प्रचोदयात्।।
- पूजा व मंत्र जप के बाद घी व कर्पूर से आरती कर मानसिक सुख की कामना कर प्रसाद ग्रहण करें। रात्रि में चंद्र मंत्र का यथाशक्ति जप मन को शांत, एकाग्र और स्थिर करने के साथ स्वास्थ्य और संतान सुख भी देने वाला माना गया है।
____________________@भारती