Monday, December 17, 2012

LABHKARI AOUWLA

एक पुष्ट ताज़े आँवले में बीस नारंगियों के बराबर "विटामिन c" होता है। इस प्रकार यह शारीर को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ सुन्दर भी बनता है। इससे रक्त शुद्ध होता है और शारीर की रोग प्रतिकारक शक्ति भी बढती है। आँवला सर्व रोगनाशक दिव्य-अमृत फल है। ...यह मसूड़ों को मज़बूत बनता है, आखों की ज्योति बढ़ता है। शारीर में बल-वीर्य की वृधि करता है। हाए ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, कैंसर, नपुंसकता, मन्दाग्नि स्नायुरोग, चर
्मरोग, लीवर और किडनी के रोग, रक्त के रोग, पीलिया, टीबी, मूत्ररोग,और हड्डियों के रोगों को दूर करने में इसका विशेष योगदान है। आँवला त्रिदोष नाशक है। इसमें लवणरस को छोड़कर बाकि पांचों रस भरे पड़े है। आधुनिक वैज्ञानिकों ने आँवले पर शोध किया है और पाया है की आँवले में पाया गया anti oxident enzym भुढ़ापे को रोकता है, भारत में आँवले के गुण प्राचीन काल में ही हमारे संत-महात्माओं ने खोज लिए थे। आँवले में जितने रोग-प्रतिकारक, रक्त-शोधक, बल-वीर्यवर्धक तत्व है, उतने संसार में किसी औषधी में नहीं । अब आँवले की season आ चुकी है, तो सभी आँवला अवश्य खाए .AMIT